हिमवंती मीडिया/शिमला
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य पर मशोबरा चिकित्सा खंड के अंतर्गत आने वाले सभी शिक्षण संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बीते दिन शुक्रवार को पेट के कीड़े मारने वाली एलवेंडाजोल दवाई खिलाई गई। जिसकी पुष्टि बीएमओ मशोबरा डॉ0 मयंक शर्मा ने दी है। डॉ0 मयंक ने बताया कि एलवेडंाजोल दवा हर बच्चे का खिलाने का उददेश्य बच्चों में बढ़ रहे कृमि संक्रमण को रोकना है। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए फील्ड में विभाग के कर्मचारियों के अतिरिक्त आशावर्करज, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की सेवाएं ली गई थी। डॉ0 मयंक शर्मा ने बताया कि बच्चों के पेट में कीड़े होने आम समस्या है जिससे बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
उन्होने बताया कि बरसात के मौसम में नंगे पांव चलने से विशेषकर बच्चों के शरीर में कीड़ों का प्रवेश हो जाता है। जोकि पेट में जाकर बच्चों की खुराक को खा जाते हैं और बच्चे कुपोषण अथवा अनिमिया का शिकार हो जाते हैं। उन्होने बताया कि पेट में कीड़े किसी भी उम्र में हो सकते है। व्यक्ति का चलते हुए सांस फूलना, वजन घटना और जोड़ों में दर्द होना इस बिमारी के लक्ष्ण पाए जाते हैं। ऐसी स्थिति में संबधित व्यक्ति को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवानी चाहिए। इसी कड़ी में तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पीरन में छठी से 12वीं कक्षा के करीब एक सौ बच्चों कोएलवेंडाजोल दवाई खिलाई गई। जिसकी जानकारी उप प्रधानाचार्य देविन्दा चौहान ने की है।
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