हिमवंती मीडिया/शिमला
शिमला से संबंध रखने वाले हर्षित ने अपने करियर की शुरुआत में ही तकनीकी नवाचारों के जरिए समाज को नई दिशा देने की कोशिश की है। हिमाचल प्रदेश के इस युवा उद्यमी ने न केवल सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में अपना नाम स्थापित किया है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। हर्षित ने पहले ‘Himtext’ नामक एक सोशल नेटवर्किंग एप्लिकेशन विकसित किया था, जिसे हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री, रोहित ठाकुर द्वारा लॉन्च किया गया था। यह एप्लिकेशन शिक्षा और सामाजिक संवाद को एक नए स्तर पर ले गया था, जिसके बाद से ही हर्षित को एक होनहार सॉफ्टवेयर डिवेलपर के रूप में जाना जाने लगा। इस बार हर्षित एक और बड़ी समस्या का समाधान लेकर आए हैं, जिसे उन्होंने नए और उन्नत सॉफ्टवेयर के रूप में विकसित किया है। इस सॉफ्टवेयर का उद्देश्य स्कूल प्रबंधन के सभी कार्यों को डिजिटल और स्वचालित बनाना है, जिससे शिक्षण संस्थानों का संचालन सरल और प्रभावी हो सके। यह सॉफ़्टवेयर 9 अक्टूबर की शाम 7 बजे लॉन्च किया जाएगा और 14 अक्टूबर तक यह गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध होगा। हर्षित का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकता है, क्योंकि यह सॉफ्टवेयर स्कूल प्रबंधन की सभी छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है। हर्षित को यह समझ में आया कि देश के कई स्कूल अब भी पारंपरिक प्रबंधन प्रणाली का ही पालन कर रहे हैं, जिससे उनके प्रशासनिक कार्यों में बहुत अधिक समय और संसाधन खर्च होते हैं। डिजिटल क्रांति के इस युग में भी, स्कूल प्रबंधन, छात्रों की उपस्थिति, फीस कलेक्शन, ऑनलाइन एडमिशन, और माता-पिता के साथ संवाद जैसी प्रक्रियाओं में जटिलता का सामना करते हैं। हर्षित ने इन्हीं समस्याओं का हल ढूंढने के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया, जो न केवल इन कार्यों को सरल बनाएगा, बल्कि शिक्षण संस्थानों को आधुनिक और तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त भी करेगा। हर्षित द्वारा विकसित यह सॉफ्टवेयर विशेष रूप से स्कूलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसे विकसित करने का प्रमुख उद्देश्य स्कूल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आसान और स्वचालित बनाना है, ताकि शिक्षकों, प्रिंसिपल, और प्रशासनिक स्टाफ का बहुमूल्य समय बच सके और वे इसे अधिक प्रभावी कार्यों में उपयोग कर सकें। यह सॉफ़्टवेयर निम्नलिखित प्रमुख विशेषताओं से लैस है।
सॉफ्टवेयर का Beta Version पहले ही कई स्कूलों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। परीक्षण के दौरान सॉफ्टवेयर ने बेहतरीन परिणाम दिए और इसके अधिकांश फीचर्स ने स्कूलों के कार्यों को सरल और सुगम बनाने में मदद की। इस फीडबैक के आधार पर, हर्षित ने सॉफ्टवेयर में कुछ छोटे-मोटे सुधार किए और अब इसे पूरी तरह से लॉन्च के लिए तैयार कर दिया गया है। हर्षित का यह सॉफ्टवेयर शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है। वर्तमान में, देश के अधिकांश स्कूल तकनीकी संसाधनों की कमी और जटिल प्रशासनिक प्रक्रियाओं से जूझ रहे हैं। इस सॉफ्टवेयर के आने से न केवल स्कूल प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता आएगी, बल्कि शिक्षा के स्तर को भी बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा, अभिभावक और शिक्षक के बीच संवाद की खाई भी कम होगी, जिससे छात्र की शिक्षा और उसके समग्र विकास में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हर्षित का यह सॉफ्टवेयर अभी अपने शुरुआती चरण में है, और भविष्य में इसमें कई और फीचर्स जोड़े जाने की संभावना है। स्कूलों की जरूरतों के हिसाब से यह सॉफ्टवेयर लगातार अपडेट किया जाएगा, ताकि यह हर प्रकार की प्रशासनिक समस्याओं का समाधान प्रदान कर सके। हर्षित का सपना है कि आने वाले कुछ वर्षों में देशभर के हजारों स्कूल इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें और इससे शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो। इसके अतिरिक्त, हर्षित की योजना है कि इस सॉफ्टवेयर को अन्य शिक्षा संस्थानों जैसे कि कोचिंग सेंटर और प्रशिक्षण संस्थानों के लिए भी अनुकूलित किया जाए, ताकि वे भी अपने प्रशासनिक कार्यों को आसानी से संभाल सकें। उनकी टीम इस दिशा में लगातार काम कर रही है और आने वाले समय में इसे अन्य देशों में भी लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है।
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