प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सर्वदलीय बैठक में लाकडाउन बढ़ने के संकेत देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई है तथा सभी की जिंदगी बचाना सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ के समान है। इसके लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और हमें निरंतर सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह एक बार फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करूंगा। कोरोना वायरस और लाकडाउन को लेकर पीएम मोदी ने आज राजनीतिक पार्टियों के फ्लोर लीडर्स के साथ बातचीत की। उन्होंने वीडियो कन्फ्रेसिंग के जरिए बीजेपी, कांग्रेस, डीएमके, एआईएडीएमके, टीआरएस, सीपीआईएम, टीएमसी, शिवसेना, एनसीपी, अकाली दल, एलजेपी, जेडीयू, एसपी, बीएसपी, वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी के फ्लोर लीडर्स के साथ कोरोना और लाकडाउन पर चर्चा करते हुए कहा किज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लाकडाउन के विस्तार का सुझाव दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में देश को एक साथ अपनी कार्य संस्कृति और कार्यशैली में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हरेक के जीवन को बचाना है। कोरोना वायरस के कारण हम गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और सरकार इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। 80 फीसदी राजनीतिक पार्टियां लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। मोदी ने कहा कि उन्हें राज्यों से इसी तरह की मांग मिल रही है और वह उचित समय में हितधारकों के साथ चर्चा करके ही निर्णय लेंगे। फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उनसे सलाह लेकर लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के निर्णय पर आखिरी फैसला ले सकते है। उन्होंने कहा कि वीडियो कॉल कान्फ्रेंसिंग सुबह 11 बजे 11 अप्रैल को होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में लाकडाउन की समीक्षा होगी तथा सरकार की जरूरतमंदों को दी जाने वाली सहायता राशि और राशन की समीक्षा होगी और लाकडाउन आगे बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। पहले ही कई राज्य लाकडाउन को आगे बढ़ाने की गुजारिश उनसे कर चुके हैं।
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