हिमवंती मीडिया/शिमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदरसिंह सुक्खू हर दिन सिर्फ सफेद झूठ बोलते हैं। केंद्र सरकार ने आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश की सभी स्तर पर मदद की लेकिन मुख्यमंत्री कहते हैं कि एक फूटी कौड़ी नहीं दी। मुख्यमंत्री के रूप में इस तरह के अनर्गल बयान देना शर्मनाक है। सहयोग मिलने के बाद आभार जताया जाता है लेकिन कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री अनाप-शनाप बयान दे रहें हैं। जिस दिन मुख्यमंत्री ने यह कहा उस दिन भी राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष के तरह हिमाचल प्रदेश के खाते में 189 करोड़ रुपए अगले साल के लिए एडवांस के तौर पर आए थे। मोदी की सरकार केंद्र में आते ही हिमाचल को विशेष राज्य का दर्जा दिया। इसका लाभ क्या मुख्यमंत्री को पता नहीं हैं। इसके अलावा केंद्र की तरफ़ से पचास हज़ार करोड़ स ज़्यादा के प्रोजेक्ट हिमाचल में चल रहे हैं। रोहतांग टनल, एम्स मेडिकल डिवाइसेज और बल्क ड्रग पार्क केंद्र सरकार की देन है। जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में अंदर केंद्र सरकार की तरफ़ से एक लाख दस हज़ार से ज़्यादा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास हिमाचल के लोगों को मिला है। हिमाचल की आबादी के हिसाब से देखा जाए तो हर 70वें हिमाचली को यह आवास मिला है।
आपदा के दौरान लगभग 2 हज़ार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता मिली है। नेशनल हाईवे से लेकर पुलों के निर्माण के कार्य में भी केंद्र द्वारा सहयोग दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 3 हज़ार करोड़ रुपए का फण्ड दिया गया। हिमाचल प्रदेश के लोगों को क्या दिया है इसके बारे में उन्हें बताना चाहिए। कांग्रेस ने अपनी एक भी गारंटी पूरी नहीं की। सरकार द्वारा हर दिन प्रदेश के लोगों के ऊपर टैक्स का बोझ लादा गया। हर दिन किसी न किसी तुगलकी फैसले से लोगों को परेशान किया गया। हर दिन मूलभूत सुविधाओं के दाम बढ़ाए गए। हर दिन आम आदमी को परेशान करने के लिए नियम बनाए गए। हर दिन स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सरकारी दफ्तर बंद किए गए। 600 दिन के कार्यकाल में डेढ़ हज़ार संस्थान बंद करना, दस हजार लोगों को छह महीनें का मानदेय दिए बिना नौकरी से निकालना सुक्खू सरकार की उपलब्धि है। इसलिए मुख्यमंत्री इधर-उधर जाकर अनर्गल बयानबाजी से बचे और हिमाचल में आकर ठप पड़े विकास के कामों को शुरू करवाएं। अब दो साल का समय हो चुका है। अब लोगों का सब्र जवाब दे चुका है। हिमाचल में जो किया है वह पूरे देश के लोग देख चुके हैं। केंद्र सरकार को कोसने से अब मुख्यमंत्री की छवि नहीं सुधरने वाली। इसलिए हिमाचल के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार काम करे।
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